भारत की दीवार- THE WALL- राहुल द्रविड़
आखिर ये मौका भी निकल गया ...... 2023 का विश्व कप गुजर
गया अच्छी-बुरी यादें लेकर...... टीम ने 10 मैच जीते ...... इनमें कोई न
कोई हीरो रहता ही था इस नाते मीडिया के सामने आकर बातें करने का मौका भी मिलता
रहता था ..... और हो भी क्यों न ..... आखिर विश्व कप जैसी स्पर्धा में
किसी टीम को हराना मजाक तो नहीं ...... हम जीतते रहे ....... खिलाड़ी हीरो बनते
रहे .......... मगर एक दिन वह भी आया जब वो दिन हमारा नहीं था ......... हम हार गए
....... ट्राफी हमारे पास आते-आते छिटक कर दूर जा गिरी ....... औऱ तब सामने आता है
हमारा असली हीरो ...... जिसने नाकामी का सेहरा अपने सर पर लाद लिया ....... और
पूरी टीम को डिफेंड करने सामने आ गया ...... और वो था......राहुल......... वही
राहुल जो कभी दीवार हुआ करते थे .... देश की टीम के .......राहुल ने अपने क्रिकेट
कैरियर में बहुत उतार-चढ़ाव देखे...... एक वक्त पर उनके उपर टेस्ट मैच का प्लेयर
होने का ठप्पा भी लगा दिया गया था मगर वे हारते नहीं...... उनको इन सबका दुख होता
होगा मगर विफलताओं में सामने आकर जिम्मेदारी स्वीकार करना बहुत कम लोगों में होता
है ..... राहुल उनमें से एक है....
फाइनल की हार
के बाद राहुल द्रविड़ कॉन्फ्रेंस में आते हैं और यह बताने में गुरेज नहीं करते कि
उन्हे अपने प्लेयर्स पर नाज है .......
दरअसल ये वही हीरे है जिन्हे राहुल ने अंडर -19 की टीम के कोच रहते तराशा है
........... राहुल कुछ अलग ही मिट्टी के
बने हैं ...... उनको देखकर बहुत कुछ सीखा जा सकता है ......... एक बात जो सीखने की
है वो यह है कि वे मानते हैं कि कोई चीज कभी हमेशा के लिए खतम नहीं होती ............. मैच नही जीतने का अधूरापन
द्रविड़ को सब कुछ खोने का अहसास नहीं करवाता वो सोचते हैं कि शुरुआत फिर करनी है ........
स्वयं के लिए वे यही करते रहे हैं ......... जब उनको स्लो प्लेयर कहा गया तो
उन्होंने अपनी भूमिका बदली विकेट कीपर बने ..... कमाल किया .. संन्यास के बाद वह
आईपीएल टीम का कोच बनते हैं......बाद में फिर भारतीय क्रिकेट में वापस लौटते हैं.........
लेकिन इस बार एक कोच के रोल में , अंडर-19 लेवल पर
उन्होंने नई टीम ही गढ़ दी .......शानदार काम
किया और अच्छे-अच्छे हीरों को तलाशा भी और तराशा भी...... ये वही हीरे हैं जो आज के
और भारतीय क्रिकेट के भविष्य के सितारे हैं।
अब राहुल नेशनल
टीम के कोच बने ......... लेकिन राहुल द्रविड़ के हिस्से में वर्ल्ड कप नहीं आया।
लेकिन उन्होंने अब सामने आकर हार स्वीकार करना अपनी जिम्मेदारी समझी ...........टीम
के सीनियर सदस्य होने के नाते हार के मंच का चुनाव खुद ने किया और कॉन्फ्रेंस में
सवालों के जवाब दिए।

