सरकारें गिरा दी थी जिसने उसका नाम है -कांदा
आपने पढ़ा होगा कि एक दौर में ऐसा भी घटा था कि प्याज की कीमतों ने सरकार गिरा दी थी .......... प्याज आज की किचन की सबसे जरुरी चीज है ...... इसे फल कहूँ..... सब्जी कहूँ...... क्या कहूँ ..... कुछ समझ में नहीं आता ........ प्याज पुराण का किस्सा बड़ा ही रोचक है.......... श्रीमती जी को प्याज काटते आंखों में आंसू टपकाते दखा तो बरबस ही यह आलेख पोस्ट करने का मन बना........... अब जरुरत थी कुछ रिसर्च की ..... थोड़ा खंगालना शुरु किया तो कुछ जानकारियां सामने आई ...... कुछ पढ़ने को मिला वही साझा कर रहै हूँ ........ पूरा आलेख संकलन और रिसर्च पर ही आधारित है ........... आजकल के बच्चों को यदि पूछें कि "कृष्णावल" क्या है तो हो सकता है वे इसका अर्थ न बता पाएं ..... क्योंकि न लोगों ने शायद यह शब्द सुना ही नहीं होगा ..... मगर जानकारी कहती है कि यह प्याज का ही नाम है ।
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पुरानी पीढ़ी शायद इस पर कुछ ज्ञानवर्धन कर देगी और आपको बता देगी कि गाँव में "कृष्णावल" प्याज या पालंडु को ही कहा जाता है। और यह शब्द ही प्याज के लिए प्रचलित था प्राचीन काल में..... प्याज को कुछ इलाकों में कांदा भी कहा जाता है .....
अंग्रेजी मीडीयम के बच्चे सलाद में Onion मांगते हैं ..... ऑनियन या अन्यन प्याज का अंग्रेजी नाम है । चूंकि यह कंद-मूल में से कंद की केटेगरी में आता है शायद इसीलिए इसे कांदा नाम मिल गया होगा ......... प्याज की सब्जी भी बनती है और इसे सब्जी बनाते समय यह मसालों के साथ भी उपयोग किया जाता है।
प्याज को संस्कृत में कृष्णावल कहते थे.............. यह शब्द अब प्रचलन में नहीं रह गया है
प्याज को कृष्णावल क्यों कहते हैं इसके पीछे भी एक कहानी है
कुछ तथ्य इस कथ्य को स्थापित करने में सहायता करते हैं ..... इन तथ्यों को समझें ......
· दक्षिण भारत में कर्नाटक और तमिलनाडु के ग्रामीण क्षेत्रों में प्याज को आज भी कृष्णावल नाम से ही पुकारा जाता है ।
· जब प्याज को खड़ा काटा जाता है तो वह शङ्खाकृति यानी शङ्ख के आकार में दिखता है जबकि इसे आड़ा काटा जाता है तो यह चक्राकृति यानी चक्र के आकार में दिखाई देता है, यह तथ्य भी इसके कृष्णावल नाम को स्थापित करता है ।
· ग्रंथ बताते हैं कि शङ्ख और चक्र दोनों विष्णु भगवान के आयुधों में से हैं और श्री कृष्ण जी श्री हरि के दशावतार में ही पूर्णावतार (नवें अवतार) हैं।
· शङ्ख और चक्र की आकृतियों का मेल भी प्याज को कृष्णावल के नाम से स्थापित करता है । कृष्ण और वलय शब्दों को मिलाकर बना "कृष्णावल" शब्द है।
· कृष्णावल कहने के पीछे केवल यही एक कारण नहीं है ; अपितु यदि आप प्याज को उसकी पत्तियों के साथ उलटा पकड़ेंगे तो वह गदा के स्वरुप में भी दिखाई देता है ।
· एक और रोचक तथ्य देखें , यदि पत्तों को काट दिया जाए तो वह पद्म यानी कमल का आकार ले लेता है।
· गदा और पद्म भी विष्णु भगवान के आयुध हैं जिसे वे चक्र और शङ्ख के साथ धारण करते हैं।
इतना कुछ पढ़ने और रिसर्च के बाद मैं यह समझ नहीं पाया कि क्यों प्याज को उपेक्षित रुप से देखा जाता है धार्मिक क्षेत्र में ........प्याज से बनी सब्जियां प्रतिबंधित रहती हैं अनेक शुभ अवसरों पर ....... लहसून के साथ इसे कटघरे में खड़ा कर दिया जाता है ..... प्याज को प्याज ही रहने दो कोई नाम न दो ......
( जानकारी संकलन और रिसर्च के आधार पर)
आप पढ़ रहे थे प्रमोद को
