समोसा से परे ....डोसा... और छोले भटूरे
यूं तो मेरा सबसे पसंदीदा है समोसा....मगर बच्चों की जिद ....डोसा या दोहा फिर छोले -भटूरे..... चीजें जोड़ी में ज्यादा ललचाती हैं....कुछ इन पर भी रिसर्च का मन किया.... जितना जान पाया परोसता हूं......
छोला ( सिसर एरीटिनम या गारबानो बीन्स) बड़े गोल फलियां हैं, जो एक दिलचस्प ऊबड़ सतह के साथ एक बड़े गोल मटर की तरह दिखते हैं,छोले का जंगली संस्करण ( सिसर रेटिकुलटम ) केवल आज के दक्षिण-पूर्वी तुर्की और आस-पास के सीरिया के कुछ हिस्सों में पाया जाता है,घरेलू छोले (जिसे गरबानो बीन्स भी कहा जाता है) दो मुख्य समूहों में आते हैं जिन्हें देसी और काबुली कहा जाता है, लेकिन आप 21 अलग-अलग रंगों और कई आकारों में किस्में भी पा सकते हैं।
विद्वानों का मानना है कि चने की सबसे पुरानी किस्म देसी रूप है; देसी छोटे, कोणीय और रंग में भिन्न होते हैं। देसी संभवतः तुर्की में उत्पन्न हुआ था और बाद में भारत में पेश किया गया था जहां काबुली, आज का सबसे आम प्रकार का छोला विकसित किया गया था। काबुली में बड़े बेज रंग के चोंच वाले बीज होते हैं, जो देसी की तुलना में अधिक गोल होते हैं।पता चला कि काबुली की तुलना में देसी में आनुवंशिक विविधता थोड़ी अधिक थी, जो पहले के इस तर्क का समर्थन करती है कि देसी दो रूपों में सबसे पुराना है। विद्वानों ने 187 रोग प्रतिरोधक जीन समरूपता की पहचान की, जो अन्य फली प्रजातियों की तुलना में काफी कम है,
डोसा का पहला ज़िक्र 5वीं सदी में मिलता है. इतिहासकारों के अनुसार, तब कर्नाटक के उड्डपी के मंदिर के आस-पास की गलियां डोसा के लिए फ़ेमस थीं. तमिल साहित्य में भी इसका ज़िक्र है. वहीं बात करें मैसूर मसाला डोसा की तो इसका इतिहास मैसूर के महाराजा वडयार से जुड़ा है.
कहते हैं कि एक बार उन्होंने मैसूर पैलेस में एक उत्सव का आयोजन करवाया था. इस उत्सव के अंत में बहुत सारा भोजन बच गया था. खाने की इस तरह बर्बादी देख उनका दिल बहुत दुखी हुआ. इसलिए उन्होंने अपने शाही रसोइयों से इसका उचित हल निकालने को कहा. तब उन्होंने बची हुई सब्ज़ियों में मसाले मिलाकर डोसे के साथ सर्व किया था. इस तरह मसाला डोसा की खोज हुई थी.
मसाला डोसा से जुड़ी एक और कहानी है. इसके मुताबिक, पहले डोसा को आलू की सब्ज़ी के साथ ही परोसा जाता था. तब अधिकतर होटलों में ब्राह्मण ही इसे बनाया करते थे, जो किन्हीं कारणों से प्याज़ को हाथ तक नहीं लगाते थे. एक बार राज्य में आलू की कमी हो गई. तब उन्होंने थोड़े बहुत आलू के साथ प्याज़ को मिक्स कर सब्ज़ी बनाई और इसे छिपाने के लिए डोसे के अंदर सर्व किया. इस तरह उन्होंने जाने-अंजाने में मसाला डोसा की खोज कर दी.


